Monday, January 11, 2010

किसानो का विकास ही देश का विकास -सुशांत भाऊ मुडंकर देगलुर ( किसान मिञ )

यहाँ गने से इथेनाल तयार किया जा सकता है इसका उपयोग न करके हमने कितनी बडी गलती की ये हम जान सकते है स्वतंञा के बाद शुगर के कारखानो से तयार इथेनाल पुरी तरह से इंधन जैसा उपयोग किया जा सकता है अगर ये किया होता तो आज हमारे देश पे एक पैसे का भी रूण ना रहता . बस अबसे तो सरकार ये धोरण का स्विकार करके बेकार मे हो रही विदेशी मुल्य कि बचत करे किसानो को उनके अनाज पुरी किमत मिलने दे अगर आप उनका कल्याण नही कर सकते तो कम से कम उनके आनज को आच्छी किमत दे सकते है इसे उनकी मागं बढ के आच्छी किमत आयेगी अगर एसा होगा तो " किसानो कि खुदकुशी " ये समाचार सुने नही आयेगा . और फिर से यह देश हरा भरा हो जायेगा .


¤¤¤सुशांत मुडंकर देगलुर¤¤¤

¤¤¤( किसान मिञ )¤¤¤

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