Wednesday, December 22, 2010

Tuesday, June 8, 2010

राजनीती या धंदा ? Sushant Mundkar youth leader Maharashtra india

राजनीती मे रहने वालोँ ने राजनीती से ज्यादा समाजसेवा करते हुये लोगोँ के सेवक का पाञ आदा करे यह बात शपथ लेते हुये कि पर स्वतंञ भारत के बाद केवल पिछले साठ सालोँ मे खाई शपथ भुला दी है आज राजनीती एक धंदा बन चुका है उसे ज्यादा यह धंदा बनाया गया है इसमे लोग आते आपनी उन्नती के लिये यह बात सभने आपना ली है इसमे आने से पहेले आम आदमी राजनीती मे आते ही करोडपती बन जाता है क्योँकी राजनीती धंदा बनगयी इसीलीये ही नही तो इस मे आमआदमी कि तरह आये हुये लोग बहुत कम समय मे करोडपती कैसे बन गये ? एक भी नेता यह कह सकता क्या यह सारी पुंजी मैने महेनत ईमानदारी से कमाई है जिस लोगो ने राजनीती को धंदा बनाया है वो यह कैसे कहेंगे ? इसे बदलने कि जिम्मेदारी हम युवा पिढी की है आइये राजनीती का छबी बदले देश बदलेगा सुशांत मुंडकर युवा नेता देगलुर नांदेड महाराष्ट्रा भारत Sushant Mundkar youth leader Degloor Nanded Maharashtra india

Thursday, May 20, 2010


आज आपल्या देशाला गरज आहे ती नव्या क्रांती ची नव्या बदलाची विचार च्या देवाण घेवाणा ची उठा मिञानोँ चला बदलुया हे जग आपल्या ताकतीने कोणा ची वाट पाहु नका आपण पुढे चला सगळे नक्की येतील ! जय हिंद - सुशांत मुंडकर युवा नेता देगलूर महाराष्ट्र Sushant Mundkar youth leader Degloor Nanded Maharashtra india

Thursday, April 29, 2010

Sushant Mundkar youth leader Maharashtra

Sushant Mundkar youth leader Degloor Sushant Mundkar youth leader MUKHED Sushant Mundkar youth leaderBHOKAR Sushant Mundkar youth leader HADGOAN Sushant Mundkar youth leaderKINWAT Sushant Mundkar youth leader NAIGOAN Sushant Mundkar youth leader ARDHAPUR Sushant Mundkar youth leader BILOLI Sushant Mundkar youth leader DHARMABAD DIST Nanded

Thursday, April 22, 2010

"I am not perfect yet but I am the best of all "Sushant Mundkar youth leader Degloor Nanded Maharashtra


"I am not perfect yet but I am the best of all " Now lates form the network get in touch with the all friends. When we are get touch with all then we work for pepole if you have a power then it use for pepole. Go on that post from their you can easily work for them so try to be best in your sector. When we form network it help us to work for them dont wait for goverment or any leaders help pepole ask us for help because they belive that we can solve their problem. So lead them and now dont wait for other get connected friends and form devloping indian jai hind Sushant Mundkar student youth leader Degloor Nanded Maharashtra india

Tuesday, April 20, 2010

Magical sound trough hard work flute by Sushant Mundkar youth leader Degloor Nanded Maharashtra


Life Is Like a Flute..
It May Have Many Holes
& Emptyness In It
But
If U Work On It Carefully,
It Can Play Magical Melodies just like that we have many resources to work for devlope pepole but try to work on that. Here any not politics or not even acceptaions from them for us.Just when we work the many things that we satisfied our self to work again then it works. You are so talented you not need to say take care By Sushant Mundkar student Youth leader Degloor Nanded Maharashtra india

हर दम जमीन पे पाँव होना जरुरी है सुशांत मुंडकर युवा नेता देगलूर नांदेड महाराष्ट्रा


इस आधुतिक युग मे जो प्रगती हो रही है उस मे दो विचार प्रवाह है एक उसे आच्छा माने ना वाला और दुसरा उस मे बदलाव चाहने वाला ये दो भी सही है एक ताकत अगर आधीक ताकतवान हो जाये तो उसे किसीका डर नही रहता है और यह रास्ते से भटक जाते है इसी लिये हर दम जमीन पे पाँव होना जरुरी है सुशांत मुंडकर युवा नेता देगलूर नांदेड महाराष्ट्रा

Thursday, April 15, 2010

Politics + youth =Devlopement by Sushant Mundkar youth leader Maharashtra

Politics and youth is feature combination of devlopement. Why we think it is dirty ! If it is then some one have to clean it so why we not try for it if we devlope that we only going to work for family and friends that time we not work for india so lets get try to devlope india come and join it. If you want help get connect with me through mail. I surely solve it jai hind by Sushant Mundkar youth leader Maharashtra india

Tuesday, April 13, 2010

युवा करेगेँ देश का विकास सुशांत मुंडकर देगलूर युवा नेता महाराष्ट्र

"युवा प्रगती का नाम
युवा देश का विकास
युवा आम आदमी का साथी युवा है बदलने कि ताकत
युवा उभरती शक्ति का नाम
" युवा करेगेँ देश कि प्रगती अब आने वाली शक्ति बदलेंगे आनेवाला भविष्य " सुशांत मुंडकर देगलूर युवा नेता महाराष्ट्रा

युवा करेगेँ देश का विकास सुशांत मुंडकर देगलूर युवा नेता महाराष्ट्र

Sushant mundkar Student youth leader Degloor dist Nanded Maharashtra india


Youth the powerful youth that all trust with close eye. Youth the second name of devlopment. Youth that work hard for other make happy thats the youth that we work for change. So lets make it happen for powerful devloped india by sushant Mundkar student youth leader degloor Nanded Maharashtra

Friday, April 9, 2010

भारतीय युवा राजनीति की राह Sushant mundkar youth leader maharashtra


दुनिया के सबबसे बड़े लोकतंत्र भारत में हाल में ही आमचुनाव हुए हैं और कांग्रेस युवा कार्ड के दम पर बहुमत पाने में तकरीबन कामयाब रही। हलांकि अब भी सरकार बनाने को लेकर गठजोड़ की राजनीति चल रही है और पिछली सरकार में कांग्रेस के सहयोगी रहा डीएमके मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर नाराज हो गया है और उसने बाहर रहकर समर्थन की बात साफ कर दी है। तृणमूल कांगेस प्रमुख ममता बैनर्जी भी मंत्रालयों की खींचतान में लगी हैं। अब जो युवा चेहरे जीतकर आए हैं, वे किस तरह से कोई जिम्‍मेदारी पाते हैं यह देखने वाली बात होगी। कांग्रेस के युवा महासचिव राहुल गांधी की युवा रणनीति अपने प्रतिद्वंदियों को चित्‍त करने में कामयाब रही। राहुल ने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कांग्रेस के पुराने पड़ चुके ढांचे को मजबूत करने की कवायद बहुत पहले ही शुरू कर दी थी। पार्टी की राज्‍य इकाइयों के पदाधिकारियों के लिए कहीं कहीं तो बाकायदा प्रवेश परीक्षा की तर्ज पर टेस्‍ट लिए गए। साक्षात्‍कार द्वारा भी अभ्‍यर्थियों की योग्‍यता आंकी गई। हलांकि मध्‍यप्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में यह कयावद आशातीत परिणाम नहीं दे सकी, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी कवायद जारी रही। लोकसभा चुनावों में इस बार कांग्रेस ने बहुत से ऐसे चहरों को प्रत्‍याशी बनाया जो एकदम नए और जोशीले थे। नतीजा सामने है। लेकिन यह तस्‍वीर का सिर्फ एक पहलू है।

मुल्‍क में राजनैतिक सफलता की डगर कठिन और टेढ़े मेंढ़े रास्‍तों से होकर गुजरती है। कांग्रेस ही नहीं बहुत से अन्‍य दलों पर भी टिकट वितरण की धांधलियों के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे में जब बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को निगलने में लगी हों, जिस क्षेत्र में असुरक्षित भविष्‍य हो, और कड़ी मेहनत के बावजूद आपकी उम्‍मीदवारी आकाओं के हाथ में हो तो क्‍या युवा राजनीति की ओर जाना चाहेगा। जिस देश में राजनैतिक दलों में ही भाई-भतीजावाद हावी हो क्‍या एक आम युवा के लिए कोई उम्‍मीद बची है। जहां राजनेताओं का भविष्‍य बहुत हद तक क्षेत्रीयता, जातीय समीकरणों और सम्‍पत्‍ति से तय होता हो क्‍या उस देश का युवा विकास की राजनीति करने की सोच सकता है।

हिंदुस्‍तान में विकास आधारित राजनीति अब दूर की कौडी़ हो गई है। इस बार भी लोक सभा में पहुंचने वाले धन कुबेरों की संख्‍या बहुत है। बाहुबली तो पहले से ही पहुंचते रहे हैं। दागी और अपराधियों से भी संसद अछूती नहीं रही है। कई राज्‍यों में तो मंत्रियों पर ही कई अपराधों के मामले चल रहे होते हैं लेकिन वे सत्‍ता में होते हैं और सुख भोगते हैं। ऐसे में स्‍वस्‍थ राजनीति की बात सोचना भी आसान नहीं लगता। हमारे यहां राजनैतिक दलों के पदाधिकारी अपने परिजनों और चहेते चेहरों के लिए सुरक्षित उम्‍मीदवारी चाहते हैं। सेवा के बदले मेवा पाने के लिए अंदरूनी कलह इस कदर बढ़ जाती है कि चुनाव के दौरान एक ही दल के दो फाड़ हो जाते हैं। नेताओं को निजी स्‍वार्थों के चलते विरोधी पक्षों से हाथ मिलाने में भी कोई हर्ज नजर नहीं आता। लेकिन अब भी राजनैतिक सफलता के लिए न सिर्फ सत्‍तासीनों को बल्‍कि आम कार्यकर्ता को भी अथक मेहनत करनी होती है और इसके बाद भी पदाधिकारियों की कृपा पर बहुत कुछ निर्भर करता है। राजनैतिक दलों में पैसे लेकर टिकट बांटने की बात जमाने से होती रही है। कई राज्‍यों के पिछले विधानसभा चुनावों में यह बात खुलकर सामने आई थी कि पार्टी के कर्ताधर्ता सौदेबाजी कर अपने चहेते चेहरों को टिकट थमा देते हैं। ऐसे में कई बार ऐसे उम्‍मीदवार भी टिकट पा लेते हैं जिनको जनता तो क्‍या खुद उस पार्टी का आम कार्यकर्ता नहीं पहचानता। ऐसे में पार्टियों में धड़ेबाजी होना भी आम बात है। किसी भी पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी इन दिनों राजनैतिक तौर पर अपने चहेतों को स्‍थापित करने में लगे रहते हैं। बड़े स्‍तर से लेकर छोटे स्‍तर तक हर जगह की राजनीति में भी अंदरूनी राजनीति हावी है। हर राजनैतिक दल इस भीतरघात का शिकार है और इससे त्रस्‍त है। लेकिन अब तक किसी के पास इसका कोई हल नहीं है। हर दल में प्रादेशिक नेतृत्‍व से लेकर राष्‍ट्रीय स्‍तर तक राजनीति षड्यंत्रों से भरी हुई है।

हर नेता अपने और अपनी पसंद के लोगों के लिए सुरक्षित राजनैतिक जमीन चाहता है। ऐसे में एक आम युवा कार्यकर्ता को सिर्फ हताशा और निराशा ही हाथ लगती है। कई बार एक ही दल का दिग्‍गज नेता उसी दल के किसी दूसरे कद्दावर नेता के लोगों के टिकट कटवा देता है या फिर किसी न किसी तरह उसे राजनैतिक नुकसान पंहुचाता रहता है। दलों के लिए इस स्‍थिति से निपटना बड़ा मुश्‍किल होता है। ऐसे हालातों से पार्टियों को चुनावी नुकसान भी होते हैं, लेकिन किसी के पास इसका कोई कारगर इलाज नहीं है।…

राजनीति यूं भी हर किसी के लिए फायदे का धंधा हो गई है। छुटभैये नेता भी किसी न किसी नेता का संरक्षण चाहते हैं ताकि उनके वैध अवैध काम कंही भी न रूकें। कई बार तो देखने में आता है कि शासन प्रसाशन में राजनेता इतना दखल देते हैं और कई बार विकास कार्यो में सिर्फ अपने स्‍वार्थों के चलते रूकावटें पैदा करते हैं, राजनीति का असली मकसद ऐसा तो हरगिज नहीं होता। असल में विकास की राजनीति से नेता दूर होते चले जा रहे हैं। आज राजनीति का सीधा मतलब पैसा और रसूख बनाना रह गया है। उत्‍तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्‍यप्रदेश बल्कि ऐसा कहें कि पूरे देश में ही ऐसा चलन चल निकला है कि एक बार किसी भी तरह राजनीति में स्‍थापित हो जाओं और अगर चुनाव जीत जाते हैं तो जिंदगी भर चांदी काटो।

लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई पंचायत के चुनावों में ही प्रत्‍याशी जीत के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं। अब ग्राम पंचायत के सरपंच या प्रधान ही बहुत महत्‍वपूर्ण हो गए हैं, विकास की दृष्‍टि से नहीं बल्‍कि पैसे और ताकत की दृष्‍टि से । पंचायती राज के प्रभावी होने के बाद से तकरीबन हर राज्‍य का सरकारी विभाग ग्राम पंचायत के साथ मिलकर कार्य कर रहा है और अधिकारी, कर्मचारी बिना सरपंचों की मिली भगत से कोई काम नहीं कर सकते, नतीजतन ऐसा हो रहा है कि नेतानगरी और सरकारी तंत्र मिल बांटकर खा रहे हैं। विकास के नाम पर सरकार, राष्‍ट्रीय और अंर्तराष्‍ट्रीय ऐजेंसियों की करोड़ों अरबों रूपयों की राशि से भी विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं। रोजगार गारंटी योजना और कई अन्‍य महत्‍वपूर्ण बहुउद्देशीय योजनाओं में यह बात खुलकर सामने आई है। ग्राम पंचायत स्‍तर पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन के कार्ड उन परिवारों के बने हैं जिनके पास पूरे आस पास के इलाकों में सर्वाधित धन धान्‍य है। हरियाणा, पंजाब, मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान हो या बिहार उत्‍तर प्रदेश, तकरीबन हर राज्‍य में यही स्‍थिति है। दक्षिण भी इससे बचा नहीं है। सरपंची हर कोई इसलिए चाहता है कि पांच साल में कम से कम एक चार पहियो वाली गाड़ी और बचत खाते में पांच अंकों की पूंजी बना सके। कई ऐसे पंचायत सरपंच हैं जिन्‍होंने साल डेढ़ साल के भीतर ऐसा किया भी है। यह ऐसी कोई बात नहीं है जिसे इस मुल्‍क में कोई जानता नहीं है, लेकिन बात यह है कि इसके विरोध में कोई कुछ नहीं कर सकता। ऐसी व्‍यवस्‍था बना दी गई है।

पंचायती राज के निर्माताओं ने आधारभूत विकास के सपने को लेकर इस व्‍यवस्‍था की हिमायत की थी और स्‍थानीय विकास के लिए पंचायती तंत्र की स्‍थापना की। लेकिन पंचायती राज का यह भी एक प्रभाव देखने में आया है कि ये इकाइयां भ्रष्‍टाचार का अड्डा बन गई हैं। सरपंच, पंचायत सचिवों से लेकर संबधित विभागों के कर्मचारी अधिकारी सब मिलकर मलाई खा रहे हैं और जमीनी हकीकत ज्‍यों की त्‍यों है।सबसे छोटे स्‍तर की राजनीति में यह आलम कब तक बरकरार रहेगा कोई कह नहीं सकता। ब्‍लॉक स्‍तर और जिला स्‍तर की राजनीति भी इसी क्रम में बढ़ती हुई है और कमोबेश ऐसे ही हालात नगरीय निकायों की राजनीति में भी हैं। इसी क्रम में आगे बढ़ती राजनीति से पूरा देश त्रस्‍त है। अब सवाल यह उठता है कि क्‍या राजनीति में आम युवा के लिए इतने अवसर है,या क्‍या युवा खुद को राजनीति में शामिल करना पसंद करता है। जवाब अक्‍सर ना में ही होता है। यह भी उतना ही सच है कि राजनीति आम युवा के लिए सचमुच मंहगी हो गई है। लंबे और जमीनी संर्घष करने वाले कार्यकर्ताओं की अनदेखी और वंशवाद को बढ़ावा देने से राजनीति लगातार दिशाहीन ही हो रही है। देश की पूरी राजनीति कुछ परिवारों के पास कैद हो गई है। हिंदुस्‍तान का आम युवा यूं भी राजनीति से दूर रहने में ही भलाई समझता है और जो कुछ इसमें आते हैं उनकी राह भी इतनी आसान नहीं होती है। ऐसे में कुछ ही परिवारों की धरोहर बनती भारतीय राजनीति की नैया हिचकोले खाते हुए चल रही है।

देश का आम युवा हर तरह से कोशिश करता है कि वह किसी भी तरह की राजनीति से खुद को दूर रखे। राजनीति को भ्रष्‍ट और खराब मान लिया गया है। कोई राजनीति नहीं करना चाहता है खासकर युवा। तो क्‍या फिर इसी तरह चलता रहेगा, जिस देश की आबादी का एक बड़ा हिस्‍सा युवा हो, जहां की हर बात राजनीति से तय होती हो, वहां के युवा का राजनीति की मुख्‍यधारा से कटे रहना मुल्‍क के लिए कतई लाभदायक नहीं हो सकता है। इस देश में स्‍वस्‍थ माहौल के लिए विकास की राजनैतिक संजीवनी की जरूरत है। सड़े गले तंत्र में फिर से जान फूंकने के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है। इसके लिए युवा राजनीति के नारे से ही काम नहीं चलने वाला, युवाओं को राजनीति में अग्रसर होना भी आवश्‍यक है। बेहतर सोच के साथ आम युवा को राजनीति में खुद के लिए अवसर तलाशने होंगे। विकास की राजनीति, विकसित सोच के युवाओं के हाथों ही लंबे समय तक बेहतर भविष्‍य के रास्‍ते आगे बढ़ सकती है।

Friday, March 19, 2010

“ये जो देस है तेरा स्वदेस है तेरा”

“ये जो देस है तेरा स्वदेस है तेरा”
ये देश कि प्रगती आपने हातोँ मेँ है । हम युवक इस के एकञ होना जरुरी है । आपने नये सुझाव , कल्पनायेँ और शिकायतेँ सबके साथ मिल बाटेँ आइये और जुडीये सबके साथ , एकता हि हमारी ताकत है ।
जय हिँद -सुशांत.गं.मुडंकर युवा NSUI देगलुर जि नांदेड

Shri Ramdev Baba joining politics what you think tell us ? Sushant Mundkar Degloor youth leader Degloor Nanded Maharashtra india

Required poll and your opinion on Shri Ramdev Baba joining politics and takeing part in feature election they think that they change india stop all thing going wrong in our desh. It is india repulic country every one have authority to talk what you think it is true we are waiting for your answer. Lets come and get into topic with many youth.
By Sushant Mundkar Degloor student youth leader Degloor Nanded Maharashtra india

Tuesday, March 16, 2010

The great leader qualities by Sushant Mundkar student youth leader Maharashtra

The leader the lead person who lead effectively in world? They required character quality of that person. Everything rises and falls on leadership and leadership truly devlope from inside out to become the leader you ought to on the inside you will be able to become the leader you want to be on outside pepole will want to follow you. He will able to tackle anything in world. The leader that we trust with the blind eyes. He make way for other walking through road.Leader that word is great for say and hear but it hard to work for that talent is gift for it but character is a our choice . For leader they going to crack out main sector in it. Build orgnisation like that you devlope take care of it and devlope quality of them. The leader face many difficulty and oppositions that the only thing that carriers you forward.Talk simply to pepole that can get your message. Share things with person that help to get closer with them and all show the truth.Your life expands in proportion to your courage always be from heart in the problem so you can get in it thats the good quality of leader so by me as i am Sushant Mundkar Degloor in on the way as leader so devlope india pepole try to be best then your leader is other but where you are try to help other you are the feature of great india Sushant Mundkar student youth leader of Maharashtra india

Thursday, February 18, 2010

yuva and pepoleby sushant mundkar degloor student youth leader Maharastra india

भैंसदेही ब्लाक के गोरेगांव पंचायत में नांदरा गांव के रहने वाले 27 वर्षीय परसराम बारस्कर चुनाव जीते हैं। हायर सेकंडरी तक पढ़े परसराम गांव के बच्चों के लिए हाई स्कूल खुलवाना चाहते हैं। उनका कहना है कि गांवों में गर्मी के दिनों में पेयजल संकट होता है। इसलिए वहां कुएं और हैंडपंप खुदवाएंगे। इसके अलावा गांव के पात्र लोगों को वृद्धावस्था और सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलवाएंगे। पांच साल के अपने कार्यकाल में गोरेगांव को आदर्श पंचायत बनाने का पूरा प्रयास करेंगे।

ग्रेजुएट सरपंच

मुलताई. खेड़ीकोर्ट में उषा राजेंद्र मालवीय 25 वर्ष की उम्र में सरपंच बनी हैं। ग्रामीणों ने युवा महिला के हाथ गांव के विकास की बागडोर दी है। बीए तक शिक्षित श्रीमती मालवीय सामंजस्य के साथ गांव की तस्वीर बदलना चाहती हैं। उनका कहना है कि लोगों की समस्याओं को दूर करने और गरीबों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए राजनीति में आई हैं। गांव में कीचड़ और गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। सड़क निर्माण कराकर इस समस्या से निजात दिलाएंगी।

बीएससी के बाद सरपंची

मुलताई. प्रभातपट्टन ब्लाक की बिरोली झिल्पा ग्राम पंचायत में गीता शिवहरे (26) सरपंच निर्वाचित हुई हैं। बीएससी तक शिक्षित श्रीमती शिवहरे गांव के बुजुर्गों और सरपंच रहे उनके पति रमेश शिवहरे के मार्गदर्शन में कार्य करना चाहती हैं। वे सेवा करने के उद्देश्य से राजनीति में आई हैं। गांव को मुख्य सड़क से जोडऩा उनकी पहली प्राथमिकता है। सबसे पहले सड़क निर्माण कराएंगी। हाईस्कूल की स्वीकृति उनकी प्राथमिकता में है।

२१ साल का सरपंच

होशंगाबाद। पंचायत चुनाव में युवाओं को भी गांव की सरकार चलाने का मौका मिला है। माखननगर जनपद के ग्राम पंचायत बीकोरी में भटवाड़ा निवासी 21 वर्षीय युवा जसवंत सिंह सरपंच बने हैं।

माखननगर के बीकोरी में पंचायत चुनाव ने युवाओं के लिए एक नई इबारत लिख दी है। यहां के जसवंत सिंह को जिले में सबसे कम उम्र के सरपंच होने का गौरव मिला है। मैट्रिक तक पढ़े जसवंत ने बताया कि गांव वालों ने चुनाव में पूरा साथ दिया। अब वे गांव के विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गांव में अच्छे स्कूल भवन, सड़क की सुविधा देंगे। इसके अलावा गांव के बाहर महिला निस्तार परिसर बनाए जाएंगे। गांव में 5 परिसर बनेंगे। इसके अलावा गांव के लोगों को शासन की योजना का पूरा लाभ मिले, इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे।

गांवों में पहुंचाएंगे सिंचाई के साधन

शाहपुर. पावरझंडा में 24 वर्षीय राधा कुमरे को सरपंची मिली है। वे गांव में सिंचाई के साधन पहुंचाना चाहती हैं। हायर सेकंडरी स्कूल तक पढ़ी श्रीमती कुमरे के पति ईश्वर कुमरे पेशे से टेलर हैं, लेकिन उन्होंने भी गांव के विकास में पत्नी का सहयोग करने का वादा किया है। वे बताती हैं कि महिला जाग्रति के बिना विकास संभव नहीं है। गांव में बुनियादी सुविधाएं हों तभी यहां का जीवन सुखी हो सकता है। गांव में सिंचाई साधनों के अलावा बिजली पहुंचाना उनके लक्ष्य में शामिल है।

घर की तरह होगा ग्राम पंचायत का मैनेजमेंट

इटारसी. आमदनी के अनुसार जिस तरह घर की आवश्यकताओं को पूरा करने की प्राथमिकताएं तय होती हैं उसी तरह गांव के विकास के लिए पंचायत का मैनेजमेंट सिस्टम बनाएंगे। गांव की मूलभूत सुविधाओं को सबसे पहले बेहतर किया जाएगा। इसके बाद आदर्श गांव बनाने की कल्पना को साकार करने एहतियाती कदम उठाएंगे। यह कहना है इटारसी से करीब 18 किमी दूर स्थित आयुध निर्माणी के समीप डोब गांव में रहने वाली 27 वर्षीय सरिता उइके का। चुनाव में कांदई कला पंचायत से सरपंच पद का चुनाव जीतने के बाद ही गांव के विकास की कल्पना को साकार करने की पहल शुरु हो चुकी है। गांव के बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं से विकास की प्राथमिकता तय करने समूह चर्चा की। राजस्थान कोटा के शहरी परिवेश में कक्षा दसवीं तक पढ़ाई के बाद छोटे से गांव डोब में शादी हुई। सरपंच बन चुकी सरिता ने कहा कि शहर में रहने के बाद गांव के परिवेश में अपने आपको ढ़ालने में काफी दिक्कतें आई। यहां गांव में अधिकांश समय बिजली नहीं रहती। गर्मी में पानी की किल्लत और बारिश के दिनों में सड़क पर कीचड़ से आना-जाना मुश्किल हो जाता है।

बनाएंगे आदर्श गांव

इटारसी तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कांदई कला में 997 मतदाता है। पंचायत से जुड़े झिरमऊ और डोब गांव में सड़क व पानी की बेहतर व्यवस्था होगी। गांव का हर बच्चा स्कूल जाए और साफ-सफाई के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। खेल मैदान और पार्क बनाकर आदर्श गांव के सपने को साकार करेंगे। जिससे मप्र के नक्शे पर हमारा गांव उभरकर सामने आए। उपरोक्त तमाम कामों को अंजाम देना ही बेहतर ग्राम पंचायत मैनेजमेंट होगा। जिससे हमारा गांव आदर्श ग्राम बन सके।

Saturday, January 16, 2010

My way to work by Sushant Mundkar Degloor

My new way to work. Now lates form the network get in touch with the all friends. When we are get touch with all then we work for pepole if you have a power then it use for pepole. Go on that post from their you can easily work for them so try to be best in your sector. When we form network it help us to work for them dont wait for goverment or any leaders help pepole ask us for help because they belive that we can solve their problem. So lead them and now dont wait for other get connected friends and form devloping indian jai hind Sushant Mundkar YUVA NSUI Degloor Nanded Maharastra

Wednesday, January 13, 2010

"ये जो देस है तेरा स्वदेस है तेरा " सुशांत.गं.मुडंकर युवा NSUI देगलुर जि नांदेड

जय हिँद -सुशांत.गं.मुडंकर युवा NSUI देगलुर जि नांदेड "ये जो देस है तेरा स्वदेस है तेरा"
ये देश कि प्रगती आपने हातोँ मेँ है । हम युवक इस के एकञ होना जरुरी है । आपने नये सुझाव , कल्पनायेँ और शिकायतेँ सबके साथ मिल बाटेँ आइये और जुडीये सबके साथ , एकता हि हमारी ताकत है ।
जय हिँद -सुशांत.गं.मुडंकर युवा NSUI देगलुर जि नांदेड

Monday, January 11, 2010

किसानो का विकास ही देश का विकास -सुशांत भाऊ मुडंकर देगलुर ( किसान मिञ )

यहाँ गने से इथेनाल तयार किया जा सकता है इसका उपयोग न करके हमने कितनी बडी गलती की ये हम जान सकते है स्वतंञा के बाद शुगर के कारखानो से तयार इथेनाल पुरी तरह से इंधन जैसा उपयोग किया जा सकता है अगर ये किया होता तो आज हमारे देश पे एक पैसे का भी रूण ना रहता . बस अबसे तो सरकार ये धोरण का स्विकार करके बेकार मे हो रही विदेशी मुल्य कि बचत करे किसानो को उनके अनाज पुरी किमत मिलने दे अगर आप उनका कल्याण नही कर सकते तो कम से कम उनके आनज को आच्छी किमत दे सकते है इसे उनकी मागं बढ के आच्छी किमत आयेगी अगर एसा होगा तो " किसानो कि खुदकुशी " ये समाचार सुने नही आयेगा . और फिर से यह देश हरा भरा हो जायेगा .


¤¤¤सुशांत मुडंकर देगलुर¤¤¤

¤¤¤( किसान मिञ )¤¤¤