भैंसदेही ब्लाक के गोरेगांव पंचायत में नांदरा गांव के रहने वाले 27 वर्षीय परसराम बारस्कर चुनाव जीते हैं। हायर सेकंडरी तक पढ़े परसराम गांव के बच्चों के लिए हाई स्कूल खुलवाना चाहते हैं। उनका कहना है कि गांवों में गर्मी के दिनों में पेयजल संकट होता है। इसलिए वहां कुएं और हैंडपंप खुदवाएंगे। इसके अलावा गांव के पात्र लोगों को वृद्धावस्था और सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलवाएंगे। पांच साल के अपने कार्यकाल में गोरेगांव को आदर्श पंचायत बनाने का पूरा प्रयास करेंगे।
ग्रेजुएट सरपंच
मुलताई. खेड़ीकोर्ट में उषा राजेंद्र मालवीय 25 वर्ष की उम्र में सरपंच बनी हैं। ग्रामीणों ने युवा महिला के हाथ गांव के विकास की बागडोर दी है। बीए तक शिक्षित श्रीमती मालवीय सामंजस्य के साथ गांव की तस्वीर बदलना चाहती हैं। उनका कहना है कि लोगों की समस्याओं को दूर करने और गरीबों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए राजनीति में आई हैं। गांव में कीचड़ और गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। सड़क निर्माण कराकर इस समस्या से निजात दिलाएंगी।
बीएससी के बाद सरपंची
मुलताई. प्रभातपट्टन ब्लाक की बिरोली झिल्पा ग्राम पंचायत में गीता शिवहरे (26) सरपंच निर्वाचित हुई हैं। बीएससी तक शिक्षित श्रीमती शिवहरे गांव के बुजुर्गों और सरपंच रहे उनके पति रमेश शिवहरे के मार्गदर्शन में कार्य करना चाहती हैं। वे सेवा करने के उद्देश्य से राजनीति में आई हैं। गांव को मुख्य सड़क से जोडऩा उनकी पहली प्राथमिकता है। सबसे पहले सड़क निर्माण कराएंगी। हाईस्कूल की स्वीकृति उनकी प्राथमिकता में है।
२१ साल का सरपंच
होशंगाबाद। पंचायत चुनाव में युवाओं को भी गांव की सरकार चलाने का मौका मिला है। माखननगर जनपद के ग्राम पंचायत बीकोरी में भटवाड़ा निवासी 21 वर्षीय युवा जसवंत सिंह सरपंच बने हैं।
माखननगर के बीकोरी में पंचायत चुनाव ने युवाओं के लिए एक नई इबारत लिख दी है। यहां के जसवंत सिंह को जिले में सबसे कम उम्र के सरपंच होने का गौरव मिला है। मैट्रिक तक पढ़े जसवंत ने बताया कि गांव वालों ने चुनाव में पूरा साथ दिया। अब वे गांव के विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गांव में अच्छे स्कूल भवन, सड़क की सुविधा देंगे। इसके अलावा गांव के बाहर महिला निस्तार परिसर बनाए जाएंगे। गांव में 5 परिसर बनेंगे। इसके अलावा गांव के लोगों को शासन की योजना का पूरा लाभ मिले, इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे।
गांवों में पहुंचाएंगे सिंचाई के साधन
शाहपुर. पावरझंडा में 24 वर्षीय राधा कुमरे को सरपंची मिली है। वे गांव में सिंचाई के साधन पहुंचाना चाहती हैं। हायर सेकंडरी स्कूल तक पढ़ी श्रीमती कुमरे के पति ईश्वर कुमरे पेशे से टेलर हैं, लेकिन उन्होंने भी गांव के विकास में पत्नी का सहयोग करने का वादा किया है। वे बताती हैं कि महिला जाग्रति के बिना विकास संभव नहीं है। गांव में बुनियादी सुविधाएं हों तभी यहां का जीवन सुखी हो सकता है। गांव में सिंचाई साधनों के अलावा बिजली पहुंचाना उनके लक्ष्य में शामिल है।
घर की तरह होगा ग्राम पंचायत का मैनेजमेंट
इटारसी. आमदनी के अनुसार जिस तरह घर की आवश्यकताओं को पूरा करने की प्राथमिकताएं तय होती हैं उसी तरह गांव के विकास के लिए पंचायत का मैनेजमेंट सिस्टम बनाएंगे। गांव की मूलभूत सुविधाओं को सबसे पहले बेहतर किया जाएगा। इसके बाद आदर्श गांव बनाने की कल्पना को साकार करने एहतियाती कदम उठाएंगे। यह कहना है इटारसी से करीब 18 किमी दूर स्थित आयुध निर्माणी के समीप डोब गांव में रहने वाली 27 वर्षीय सरिता उइके का। चुनाव में कांदई कला पंचायत से सरपंच पद का चुनाव जीतने के बाद ही गांव के विकास की कल्पना को साकार करने की पहल शुरु हो चुकी है। गांव के बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं से विकास की प्राथमिकता तय करने समूह चर्चा की। राजस्थान कोटा के शहरी परिवेश में कक्षा दसवीं तक पढ़ाई के बाद छोटे से गांव डोब में शादी हुई। सरपंच बन चुकी सरिता ने कहा कि शहर में रहने के बाद गांव के परिवेश में अपने आपको ढ़ालने में काफी दिक्कतें आई। यहां गांव में अधिकांश समय बिजली नहीं रहती। गर्मी में पानी की किल्लत और बारिश के दिनों में सड़क पर कीचड़ से आना-जाना मुश्किल हो जाता है।
बनाएंगे आदर्श गांव
इटारसी तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कांदई कला में 997 मतदाता है। पंचायत से जुड़े झिरमऊ और डोब गांव में सड़क व पानी की बेहतर व्यवस्था होगी। गांव का हर बच्चा स्कूल जाए और साफ-सफाई के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे। खेल मैदान और पार्क बनाकर आदर्श गांव के सपने को साकार करेंगे। जिससे मप्र के नक्शे पर हमारा गांव उभरकर सामने आए। उपरोक्त तमाम कामों को अंजाम देना ही बेहतर ग्राम पंचायत मैनेजमेंट होगा। जिससे हमारा गांव आदर्श ग्राम बन सके।